पेट्रो मुल्यव्रिधि पे आज भारत बंद


                         हंगाई के मुद्दे पर ही सही, विपक्ष ने एक साथ सड़कों पर उतर कर सरकार को यह बताने का निर्णय लिया है कि किस कदर महंगाई ने देश की जनता को रुला रखा है। विपक्ष ने सोमवार को पूरे देश में बंद का आह्वान किया है। बेशक इसमें सारे दल शामिल नहीं है लेकिन राजग के मुताबिक यह भारत बंद विपक्षी एकता की ऐतिहासिक और अभूतपूर्व मिसाल पेश करेगा। अजीब मजाक है! जिस तरह की तैयारियां दिख रही हैं, उससे भाजपा और वाम दल शासित राज्यों के साथ-साथ दिल्ली और दूसरे प्रदेशों में भी महंगाई के विरोध में हो रहा बंद आम जनजीवन को ढर्रे से उतार सकता है।
                          उधर, सरकार ने भारत बंद के खिलाफ अखबारों में दिए विज्ञापनों में कहा है कि बंद समस्या का समाधान नहीं बल्कि राष्ट्र की प्रगति में बाधक है। बस यही बात सही कही है. प्रमुख विपक्षी दल भाजपा व उसके राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने इस भारत बंद के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। राजग के दोनों शीर्ष नेताओं लालकृष्ण आडवाणी व शरद यादव ने देश की जनता से बंद को सफल व शांतिपूर्ण बनाए रखने की अपील की है। वाम दलों व विभिन्न क्षेत्रीय दलों ने भी भारत बंद को सफल बनाने का आह्वान किया है। क्षेत्रीय दलों में सपा, तेलुगुदेसम, बीजद आदि ने भी अपने-अपने स्तर पर बंद का आह्वान किया है। महंगाई के खिलाफ विपक्ष को काफी हद तक सड़क पर एक साथ उतरने के लिए तैयार करने का श्रेय शरद यादव को जाता है। उन्होंने ही भारी मतभेदों के बावजूद देश के तमाम गैर संप्रग दलों को एक साथ आने को तैयार किया। राजग संसदीय दल की लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में रविवार को हुई बैठक में बंद की सफलता की रणनीति बनाई गई। इसमें भाजपा के साथ जद (यू) व अकाली दल के नेता शामिल हुए। शिवसेना साथ में तो है, लेकिन उसका कोई नेता इसमें शामिल नहीं हो सका। कारण ये है कि शिवसेना का काम कायरों वाला है. कहीं भी सीना थोक कर आगे नहीं आते हैं, बस इन्हें आता है तो निहत्थों के सामने ताकत दिखाना. और समय आने पर चूहे कि तरह बिल में छुप जाना.
                           बैठक के बाद आडवाणी ने कहा कि संप्रग सरकार ने सत्ता में आने के बाद से ही आम आदमी का साथ देने के बजाए उसके साथ विश्वासघात किया है। वह महंगाई की समस्या का हल ढूंढ़ने के बजाए बेहद असंवेदनशील व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार इतना व्यापक बंद होने जा रहा है।
                           मगर, अफ़सोस कि इससे कुछ भी होने जाने वाला ही नहीं है. ये तो बस एक तरह से समय कि बर्बादी है. भाई कुछ तो होना चाहिए इन नेताओं को करने के लिए, अब बैठे तो नहीं रहेंगे ना. सो निकाल पड़े टाइम पास करने. कुछ पब्लिसिटी भी होगी, चार जगह नाम आएगा; चुनाव का समय जो ठहरा.  

2 टिप्पणियाँ:

Udan Tashtari ने कहा…

क्या होगा इन सब से!

Ajay Bramhe ने कहा…

Again hike of 7.50 rs.
Just u keep on writing....and i m paying.

एक टिप्पणी भेजें

आपकी टिप्पणियों से हमें सही-गलत,पसंद-नापसंद का अंदाजा होता है.इसलिए कृपया,अपनी टिप्पणिया जरूर ही प्रकाशित करने की कोशिश करें. आपकी टिप्पणियों के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार......

 

© Copyright अपनी चौपाल . All Rights Reserved.

Designed by TemplateWorld and sponsored by SmashingMagazine

Blogger Template created by Deluxe Templates