मजधार में, बिहार का भविष्य

                           शायद मजधार में है बिहार का भविष्य. कारण एक मात्र है, चुनावी माहौल में JDU सरकार की छोटी-छोटी गलतियाँ. आम तौर पर ये देखा गया है की जो दिखता है वही बिकता है. और राजनीति के सन्दर्भ में ये बात तो पूरी तरह से लागू होती है. श्रीमान नरेन्द्र मोदी का बिहार आना और यहाँ आकर श्रीमान मुख्यमंत्री से भरी सभा में दोस्ती दिखाना, दी गयी मदद की राशी पे पुरवा-साखी करना और सबके बाद में नितीश बाबु का मदद की राशी का गुजरात लौटा देना; एक आशंकित तूफान का संदेसा दे रहा है की कहीं फिर से हम बिहारवासी उसी अँधेरे में ना धकेले जाएँ जहाँ हम लालू सरकार में निवास कर रहे थे.

                                     
                        आज बिहार में काफी प्रगति हुई है अगर नितीश सरकार फिर से सत्ता में आई तो शायद वो दिन दूर नहीं जब पटना भी लखनऊ की तर्ज पे ही होगा. मगर उम्मीद तो 50-50 की लगाती है. क्योंकि आप खुद ही देख लीजिए की बड़ी ही अजीबोगरीब होती है ये इंसानी फितरत; जहाँ भी अपना फायदा देखा वहीँ फिसल गाए. और ऐसा तो आम ही देखा जाता है की हमें वो सारी बातें याद होती हैं जो कुछ दिनों पहले घटीं हैं; और एक बुराई पे हम वो सारी अच्छाईयां भूल जाते हैं जो इंसानों में अंतर बतलाती हैं.


                         आज ये हर एक बिहारवासी के लिए चिंता की बात है कि हमारा-हमारे प्रदेश का भविष्य क्या होगा? शायद अच्छा और कुछ लोभियों की वजह से लम्बे समय के लिए बुरा. नेता तो पहले नेता ही होता है, चाहे वो कोई भी हो; खाना और पचाना तो उसकी आदतों में ही शामिल है. मगर, हमें उससे क्या करना. हमें तो प्रगति चाहिए; जो हमें मिल रही है. बस, चाहे हमारा नेता कोई भी हो. आज बेख़ौफ़ होकर हम 12  बजे रात को भी घर लौटते हैं जो पहले मुमकिन ही नहीं था. इसीलिए तो नितीश सरकार कि बाँट जोहे बैठे हैं हम. खैर!! सरकार किसी की भी आए. मगर, उम्मीदें तो रहेंगी ही; और वर्त्तमान सरकार से बढ़कर रहेंगी. और नयी सरकार उम्मीदों पे ना टिकी तो शायद जल्दी ही चलती बनेगी. बस अब तो इन्तेजार करना है, और क्या!

4 टिप्पणियाँ:

Arun sathi ने कहा…

खूब पर यह तो पोल्टिक्स है क्य हो होने के बाद पता चलेगा. नितिश जी जितने दिखते है उतने भोले नहीम है.

mithilesh ने कहा…

acha hai aakhir nitish sarkar ki khubiyan to dikai di .Ham to kahenge or khul kar kahenge har insaan me achai or burai dono hoti hai magar nitish me hame achai khojni chahiye kyoun ki nitish hi bihar ke taaran har hai.Aakhir har kshetra me vikas jo hua hai.or vikas ka dar badha hai.

Unknown ने कहा…

अरुण जी,
अपने सही कहा है. मगर हमें अन्दर की बात से क्या लेना-देना की कौन-कैसा है और कैसा नहीं.
जनता को तो बस विकास से मतलब होता है जो हमें मिल रहा है. और क्या चाहिए? बस, विकास दर ऐसा ही या इससे ज्यादा बना रहे, यही उम्मीद करता हूँ.

Unknown ने कहा…

मिथिलेश बाबु,
मैं पूरी तरह से आपकी बातों से सहमत हूँ. तत्काल तो वही एक तारणहार दिखते हैं.

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